जीवन क्या होता है ! जीवन को हम क्या समझते हैं! स्वयं अपने पेट के बारे में ही सोचना , दूसरे अपने जीवन को जीते है या नहीं उस से हमें क्या मतलब , ऐसे तो कहा जाता है की अपना पेट तो एक जानवर भी भर लेता है! सदैव हम अपने स्वयं के जीवन को किस तरह से जिया जाए उसके बारे में ही सोचते है | जैसे कि एक परिवार मैं 5 लोग रहते थे! उस परिवार के मुखिया बहुत मेहनत करता था, दिनोंदिन उसकी उम्र कम होती गई उनकी मृत्यु हो गई वह केवल अपने परिवार के ही लिए पूरा जीवन बिता देता है! जब वह इस दुनिया से गया तो केवल उसके आस-पड़ोस तथा उसके कुछ रिश्तेदार और मित्र ही जान पाए कि वह व्यक्ति इस दुनिया से चला गया है! कुछ समय बाद सब भूल जाते हैं कि मेरा कोई ऐसा मित्र भी था! परंतु कुछ वर्षों बाद उसके परिवार वाले भी भूल जाते हैं! यह कैसा जीवन है! जो व्यक्ति अपने पूरे परिवार के लिए अपना पूरा जीवन बिता देता है कुछ वर्षों बाद उसके परिवार वाले ही भूल जाते हैं! जैसे कि वह उनके लिए बेगाने हो गए हो , यह कैसा जीवन है ऐसा काम तो जानवर भी कर सकता है! अब हम ...