विडंबना | बड़ी विडंबना है इस संसार के लोगों में, जो जीवित हैं उसके अवगुण निकाल,उसका बखान कर, इंसान को जीने योग्य माहौल नही देते, और एक बार उसे इस संसार से विदा तो होने दो, खोज खोज के सारे लोग उनकी विशेषताओं की गाथा गाते नही थकते.... मेरा विनम्र निवेदन है समस्त बुद्धिजीवीयों से, इंसान को जीते जी गर्व से तथा सुख शुकून से जीने का माहौल दें , क्युकि कमि हर किसी में होती ही है ,कोई भी इंसान संपूर्ण रूप से परफेक्ट नही होता |