हमारे युवाओं की मानसिक स्थिति!


युवा काल मनुष्य जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है! इसी समय में युवाओं के अंदर बुद्धि ,बल ,ओज व तेज सब होता है! इससे ही युवा अपने जीवन का व भविष्य का निर्माण करते हैं ! इसी समय में अगर युवाओं को सही रास्ता या सही मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है! अगर उनको सही मार्गदर्शन मिल जाए तो उनका जीवन   महान बन जाता है! अगर इसी समय में  युवा भटक जाए तो कांटो का जाल  बन जाता है, या कहे तो नर्क समान बन जाता है! इसी काल में नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बने और मूलशंकर बने स्वामी दयानंद सरस्वती!



इसी समय में अगर युवा चाहे तो सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं अगर वह अपनी बुद्धि बल का सही प्रयोग करे तो क्योंकि हम जानते हैं, एक होता है जीवन को काटना और दूसरा होता है जीवन को जीना यह हमारे हाथ में होता है कि हम जीवन को जीना चाहते हैं या काटना चाहते हैं क्योंकि हम जानते हैं हमारी क्लास में हमारे कितने सारे सहपाठी साथ पढ़ते थे! उन सब में से बहुत कम होते हैं जो कि अपने बुद्धि बल का प्रयोग कर सफलता को प्राप्त करते हैं जोकि अपने जीवन की हर एक पल को जीते हैं, और जो अपनी बुद्धि बल का या युवा कालका सही प्रयोग नहीं करते वह अपने जीवन को काटने के लिए मजबूर हो जाते हैं! यह ऐसे होते हैं अपने जीवन की एक एक पल को जैसे तैसे विताने की कोशिश करते हैं और इनका आने वाला भविष्य भी अंधकार में हो जाता है! यह  ना तो खुद का भला कर सकते हैं और ना तो अपने परिवार का ! यह समाज के लिए एक बोझ बनकर रह जाते हैं!



इसलिए दोस्तों युवा काल के महत्व को गहराई से पहचाने क्योंकि यही समय है हम अपने जीवन में सब कुछ प्राप्त कर सकते हैं! क्योंकि हमारे पास शक्ति है हर संकल्प को पूरा करने की! क्योंकि आने वाले समय में इस समाज को हमारी आवश्यकता है!इस समाज का विकास या विनाश हमारे हाथों मे है! क्योंकि की हम इस
समाज के भबिष्य है!

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