हमारे संकल्पों की शक्ति


आज के इस युग में सबसे बड़ी शक्ति एटॉमिक शक्ति मानी जाती हैं ! मगर ऐसा नहीं है हमारी संकल्पों की शक्ति ही सबसे बड़ी शक्ति हैं ! क्योंकि जैसा आप सोचते हैं वैसा  ही बनते हैं !यह हमारे हाथो मे ही  है की हम क्या सोचते हैं और हम क्या बना चाहते  हैं !
       जैसे की   हमारे माता -पिता, भाई- बहन और शिक्षक हमें बचपन से ही उठना , बैठना, खाना -पीना  बोलना और चलना यह सब कुछ सिखाते हैं  ! लेकिन किसी ने हमे सोचना  नहीं सिखाया ! क्योंकि आज के समय में हमारी मानसिकता और  हमारी सोच इतनी खराब हो गई है की  हम  छोटी-छोटी बातों पर हम एक दूसरे को  जान से मरने के  बारे में सोच लेते हैं और  कर भी देते हैं ! इसलिए हमें अपनी सोच के बारे में सोचना चाहिए की  किस  तरह से सोचे!

जैसे कि जो  कुछ भी हमारे साथ हो रहा है उसके जिम्मेदार हम स्वयं ही हैं! क्योंकि जब  हमने उस कार्य को किया था तो बड़ी खुशी से किया था ! जब  उसका परिणाम मिल रहा है तो उस परिणाम को भी हमें खुशी से ही स्वीकार करना ही पड़ेगा  ! चाहे वह अच्छा हो या बुरा हो , इसलिए इसकी शिकायत हम किसी से कर  नहीं सकते और समस्या को सोचने की वजह उसके समाधान के बारे में सोचें तो यह हमारे लिए ही  अच्छा होगा !

इसलिए दोस्तों हमें   अच्छा ही सोचना है  , तभी हमारे साथ अच्छा ही होगा! 

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